जानिए आखिर शिव है कौन और उनका रहस्य,मंत्र! क्या शिव एक आयाम है! क्या है शिव का अर्थ! Mysterious Universe in hindi

शिव आखिर हैं कौन ?

|| ॐ नमः शिवायः|| 

' शिव ' एक ऐसा नाम है , जिससे हर उस इंसान का परिचय बचपन में ही हो जाता है , जो इस संस्कृति में पैदा होता है । पूरे भारत में , लगभग हर गांव व शहर में शिव के मंदिर प्रतिष्ठित हैं । हम सबने महाशिवरात्रि के अवसर पर अपने गांव व शहर के मंदिरों में उत्सव जरूर देखे होंगे । पर अलग - अलग लोगों की शिव के प्रति आस्था और अवधारणाएं अलग - अलग होती हैं , जो आपस में विरोधाभासी होती हैं और हमारे अंदर कई प्रश्न खड़े कर देती हैं ।इन प्रश्नों को सुलझाने की हमारी पुरजोर कोशिश के बावजूद भी ये अनसुलझे रह जाते हैं ।

शिव का रहस्य:-

पौराणिक कथाओं और लोक - ज्ञान के माध्यम से हमने शिव को एक व्यक्ति के रूप में जाना है , जो पार्वती के पति हैं , गणेश और कार्तिकेय के पिता हैं , गण जिनके साथी हैं , सांप , चंद्रमा और त्रिशूल जिनके आभूषण हैं । लेकिन जब हमारी आंतरिक खोज आगे बढ़ती है और हम शिव को और अधिक जानने की कोशिश करते हैं , तो ज्ञात होता है कि शिव मात्र एक व्यक्ति नहीं , एक आयाम भी हैं , जो भौतिकता से परे है ।

जानिए आखिर शिव है कौन और उनका रहस्य,मंत्र! क्या शिव एक आयाम है! क्या है शिव का अर्थ! Mysterious Universe in hindi
शिव आखिर है कौन ?
क्या है, शिव का रहस्य ?
Mysterious universe in hindi

शिव का अर्थ क्या है:-

शिव का अर्थ है , ' जो नहीं है , जो शून्य है , रिक्त है । बहुधा खोजियों को यहां एक विरोधाभास दिखने लगता है । 


क्या,शिव को योग के जनक के रूप में जाना जाता है 

शिव आखिर हैं कौन- एक भौतिक शरीरधारी इंसान , या फिर भौतिकता से परे का एक आयाम ? यह बहुत ही सहज और स्वाभाविक प्रश्न है कि कैसे एक ही चीज भौतिक और अभौतिक दोनों हो सकती है ? शिव को योग के जनक के रूप में जाना जाता है , वे आदियोगी हैं , जिन्होंने मानवजाति को यह बताया कि उसके अंदर भौतिकता की सीमा से परे जाने की संभावना मौजूद है । उन्होंने न केवल इस संभावना के बारे में बताया , बल्कि इस संभावना को साकार करने के लिए योग के साधन भी भेंट किये । योग का अर्थ है : एकाकार । योग के इन साधनों के माध्यम से हर इंसान में उस आयाम को जानने की संभावना होती है , जो शून्य है , रिक्त है , शिव है । जब तक हम अपने अनुभव के स्तर पर , अपनी भौतिकता से परे के उस आयाम को नहीं जान लेते , हमारे अंदर स्पष्टता नहीं आती , दुविधा बनी रहती है और विरोधाभास मिटता नहीं । 


क्या,शिव एक आयाम है:-

शिव एक इंसान भी हैं और आयाम भी , वे निश्चल भी हैं और आनंद और उल्लास से भरपूर भी , वे मदहोश भी हैं , और पूरी तरह जागरुक भी । और इन सारी खूबियों को हम अपने जीवन में उतार पाएं इसके लिए शिव एक साधन भी हैं । शिव स्वयं ज्ञान हैं , तो कौतुहल का केंद्र भी । महाशिवरात्रि के इस माह में हमने आपके लिए शिव से जुड़े अनेक पहलुओं को अपनी आवरण कथा में समेटने की कोशिश की है । इस कामना के साथ कि आप अपने अनुभव में उनके और करीब पहुंच सकें , यह अंक आपको सप्रेम समर्पित है । ॐ नमः शिवायः। 

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